दोस्तों “समय नदी के उस पानी के सामान है जिसे आप चाहकर भी फिर से नहीं छु सकते क्योंकि वहीं पानी वापिस उस जगह से फिर कभी नहीं गुजरता”
“ENJOY EVERY MOMENT OF LIFE”
कल्पना कीजिये एक बैंक अकाउंट की जिसमे रोज सुबह आपके लिए कोई 86,400 रुपये जमा कर देता है । लेकिन शर्त ये है की इस अकाउंट का बैलेंस कैरी फॉरवर्ड नहीं होगा, यानि दिन के अंत में बचे पैसे आपके लिए अगले दिन उपलब्ध नहीं रहेंगे। और हर शाम इस अकाउंट में बचे हुए पैसे आपसे वापस ले लिए जाते हैं। ऐसी परस्तिथि में आप क्या करेंगे ? जाहिर है आप एक-एक पैसा निकाल लेंगे। है ना ?
हम सब के पास एक ऐसा ही बैंक है, इस बैंक का नाम है: “समय”, हर सुबह समय हमको 86,400 सेकण्ड्स देता है और हर रात्रि ये उन सारे बचे हुए सेकण्ड्स जिनको आपने किसी बहतरीन मकसद के लिए इस्तेमाल नहीं किया है, हमसे छीन लेती है। ये कुछ भी बकाया समय आगे नहीं ले जाती है। हर सुबह आपके लिए एक नया अकाउंट खुलता है, और अगर आप हर दिन के जमा किये गए सेकण्ड्स को ठीक से इस्तेमाल करने में असफल होते हैं तो ये हमेशा के लिए आपसे छीन लिया जाता है। अब निर्णय आपको करना है की दिए गए 86,400 सेकण्ड्स का आप उपयोग करना चाहते हैं या फिर इन्हें गंवाना चाहते हैं, क्यूंकि एक बार खोने पर ये समय आपको कभी वापस नहीं मिलेगा। आप हर दिन दिए गए 86,400 सेकण्ड्स का बेहतरीन इस्तेमाल कैसे करना चाहेंगे?? ये आप पर निर्भर करता है। मैं चाहता कि आप अपनी जिंदगी में समय का सबसे ज्यादा उपयोग करें और खुश रहें इसके लिए मैं आपको एक कहानी बताना चाहूंगा:
“Life is Ice, enjoy it before it melts”
एक आदमी था जो बहुत ही मेहनती था। वो अपने परिवार की भरण पोषण के लिए ब्रेड बेचने का काम करता था। उसकी एक पत्नी और तीन बच्चे थे। वो उन्हें बहुत चाहता था। वो सारा दिन काम करने के बाद रात को पढाई करने के लिए स्कूल जाता था। वो चाहता था की उसे एक अच्छी और बढ़िया नौकरी मिल जाये। ताकि वो अपने परिवार को सारी खुशिया और अच्छी जिंदगी दे सके।
इसमें कुछ बुरा भी नहीं था। हर व्यक्ति यही चाहता है की उसे और उसके परिवार को कोई कमी न रहे। वो रात दिन बहुत मेहनत करता। पर इस बीच वो अपने परिवार को बिलकुल भी समय नहीं दे पता था।
जब भी उसके परिवार वाले उसे शिकायत करते की वो उन्हें समय नहीं देता। तो वो यही कहता की मैं ये सब तुम सब के लिए ही तो कर रहा हूँ। वो भी हमेशा अपने परिवार के साथ रहना चाहता था। पर उसे उसके काम इसका अवसर नहीं देते।
अब आखिर वो दिन आ ही गया, जब उसके परिणाम घोषित होने वाले थे। उसकी उम्मीद के मुताबिक, वो बहुत ही अच्छे नम्बरों से पास हुआ। और कुछ ही समय बाद उसे एक बहुत अच्छी नौकरी भी मिल गयी।
एक सपने की तरह सब कुछ साकार हो गया था। अब वो व्यक्ति अपने परिवार को छोटी छोटी कीमती चीज़े दिला सकता था, जैसे अच्छे कपडे, अच्छा घर, अच्छी शिक्षा आदि।
पर अब भी उसका परिवार उसके साथ समय व्यतीत नहीं कर पाता था। वो बहुत मेहनत करने लगा, इस लक्ष्य से की उसे प्रबंधक का पद मिल जाये।
फिर से जब परिवार की शिकायते आने लगी तो उसने यही कहा की ये सब वो उनके लिए ही कर रहा है। वो भी अपनी इच्छा को दबा ही रहा था।
उसकी मेहनत रंग लायी, और उसे पदोन्नति मिली। जब सब कुछ अच्छा होने लगा तो उसने अपनी पत्नी की मदद के लिए घर पर एक नौकरानी रख ली। उसे अपने तीन कमरे का घर भी अपने बड़े होते परिवार के लिए छोटा लगा. इसलिए उसने एक बड़ा घर लिया।
अब तक वो कई बार अपनी मेहनत का फल प्राप्त कर चुका था। इसलिए उसने और भी ऊंचे पद के लिए कार्य करना आरंभ कर दिया। पर उसके परिवार को अभी भी उसका पूरा साथ नसीब नहीं हो रहा था. यहाँ तक रविवार की छुट्टी में भी उसे अपने ऑफिस में रहना होता था। फिर भी जब भी उसका परिवार उससे रूठ कर शिकायत करता तो उसके पास यही जवाब होता की वो ये सब उनके लिए ही कर रहा हैं। वो भी अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता था. पर ये हो नहीं पाता था।
फिर से उस व्यक्ति की मेहनत रंग लायी, उसने अपनी मेहनत से सिंगापुर में एक घर ख़रीदा, फिर एक रात रविवार को उसने अपने परिवार को कहा की अब वो कोई काम नहीं करेगा। अब से सारा समय उसके परिवार के लिए होगा। ये सुनकर सभी बहुत खुश हुए। सभी के मन में मस्ती की लहर उठ खड़ी हुई। अपने पति और पिता के साथ सभी समय बिताना चाहते थे।
पर दूसरे दिन पिता बिस्तर से उठ नहीं सके, वो हमेशा के लिए चले गए थे।
कहानी का आशय यह है की हमें जो समय मिला है, वो कब पूरा हो जाये इसका हमें अंदाज़ा भी नहीं है।
कार्य के स्थान पर कार्य है। पर हमें अपने अपनों को भी किसी भी स्तिथि में नहीं भूलना चाहिए। चाहे उनके लिए कितनी ही मेहनत क्यों न करे. उनके लिए भी आपका साथ उतना ही महत्वपूर्ण हैं।
अपनी जिंदगी का हर पल जिए। अपने परिवार और अपने प्यार के साथ।
जैसे ही आप की मौत होती है, आपकी पहचान एक “शरीर” के रूप में बदल जाती है, सब लोग आपके लिए कहते है “बॉडी इधर लेके आओ”, “शरीर को उधर रखो” या “शरीर को शमशान में लेके जाओ” इत्यादि, वो लोग अब आपको आपके नाम तक से नहीं बुलाते है जिन्हे प्रभावित करने के लिए आप अपनी सारी जिंदगी तक दांव पर लगा देते हो, अच्छा है कि आप अपनी जिंदगी विधाता को प्रभावित करने के लिए जियें ना कि विधाता द्वारा निर्मित इस दुनिया को प्रभावित करने के लिए।
जब जहां मौक़ा मिले अपने लिए थोड़ा समय निकाले और उस पर पैसा खर्चा करें जिस को आप दिल से पसंद करते है, जब जब मौक़ा मिले तब आप छोटी सी छोटी बात पर भी इतना हँसे कि आपको पेट में दर्द हो जाए, जब मौक़ा मिले तब आप नाचे, भले ही आप नाचने में उतने अच्छे ना हो, अलग अलग मुद्राओं में अपनी तस्वीर निकाले और जब तक जिंदगी है इस तरह से जीयें जैसे एक बच्चा जीता है, बिना किसी तनाव या परेशानी के एक सीधे साधे मासूम बच्चे की तरह।
शिक्षा : मौत हमारी जिंदगी का सबसे ज्यादा नुकसानदायक पल नहीं है, नुकसान तो है जीते जी हमारे भीतर हमारी जिंदगी का रोज मरना, इसलिए इस अदभुत और अनोखे एक मात्र मिलने वाले अवसर को हर पल खुशी से मनाओ जिसका कि नाम है “जिंदगी”
और अंत में इतना ही कहूंगा कि:
“हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं.
दिन रात दौड़ती दुनिया में,
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं,
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं.
दिन रात दौड़ती दुनिया में,
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं,
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं,
सारे नाम मोबाइल में हैं,
पर दोस्ती के लिये वक़्त नहीं.
गैरों की क्या बात करें,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं.
पर दोस्ती के लिये वक़्त नहीं.
गैरों की क्या बात करें,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं.
आखों में है नींद भरी,
पर सोने का वक़्त नहीं.
दिल है ग़मो से भरा हुआ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं.
पर सोने का वक़्त नहीं.
दिल है ग़मो से भरा हुआ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं.
पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े,
कि थकने का भी वक़्त नहीं.
पराये एहसानों की क्या कद्र करें,
जब अपने सपनों के लिये ही वक़्त नहीं,
कि थकने का भी वक़्त नहीं.
पराये एहसानों की क्या कद्र करें,
जब अपने सपनों के लिये ही वक़्त नहीं,
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मरने वालों को,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं !!
इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मरने वालों को,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं !!
आशा है यह लेख आपको पसंद आयेगा। कृपया अपने Comments देकर हमें बताने का कष्ट करें कि aapkisuccess को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके बहुमूल्य सुझाव इस blog को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे।
धन्यवाद!
No comments:
Post a Comment