Thursday, 28 January 2016

चमत्कार ईश्वर नहीं आप करते हैं



दोस्तों चाहे आप जागे हो या सोये ,आपके अवचेतन मन की अथक शक्ति आपके शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करती है |इसमें आपके चेतन मन के किसी तरह के दखल की जरुरत नहीं होती है |जब आप सो जाते हैं तो भी आपका ह्रदय धड़कता रहता है |आपके सीने और फेफड़े की मांशपेशियाँ फेफड़ों में हवा भरती और निकालती रहती है |आपके शरीर की कोशिकाओं के काम के कारण निकली कार्बन डाई आक्साइड के बदले में ताज़ी आक्सीजन भर ली जाती है ,जिसकी आपको कार्य करने के लिए जरुरत होती है |आपका अवचेतन मन आपकी पाचक प्रक्रियाओं और ग्रंथियों क्र स्राव के अलावा आपके शरीर के अन्य सभी अद्भुत जटिल कार्यों को नियंत्रित करता है |यह सब लगातार होता रहता है ,चाहे आप जाग रहे हों या सो रहे हों |
अगर आपको अपने शरीर के सभी काम चेतन मन से करने पड़े ,तो आप निश्चित ही असफल हो जायेंगे |आप शायद बहुत जल्दी मर जायेंगे |ये प्रक्रियाएं बहुत जटिल हैं और आपस में बुरी तरह गुंथी हुई है |किन्तु आपका अवचेतन इसे आसानी से करता रहता है |चेतन और अवचेतन के फर्क को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं |मान लें ,आप किसी सुपरसोनिक जेट में बैठकर समुद्र के ऊपर से गुजर रहे हों और काकपिट में घुस जाएँ |निश्चित ही आपको हवाई जहाज उड़ाना नहीं आता है ,लेकिन आप पायलट का ध्यान भटकाकर परेशानी जरुर खड़ी कर सकते हैं |इसी तरह से आपका चेतन मष्तिष्क शरीर को तो नहीं चला सकता ,लेकिन वह इसके सही तरह से काम करने के रास्ते में बाधा जरुर बन सकता है |
चिंता तनाव ,डर और निराशा ,ह्रदय ,फेफड़ों ,आमाशय और आतों के सामान्य कार्यों में बाधा डाल सकती हैं |जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से विचलित महसूस करते हैं ,तो आप जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं वह है शिथिल होना ,आराम करना और विचार प्रक्रिया को रोक देना |अपने अवचेतन मन से बात करें |इससे कहें की यह शान्ति ,सामंजस्य और दैवी विधान को स्थापित करें |ऐसा करने पर आप पायेंगे की आपके शरीर की समूची कार्य प्रणाली दोबारा सामान्य हो गई है |अपने अवचेतन मन से अधिकार और विश्वास के साथ बोलें |यह आपके आदेश का पालन करके प्रतिक्रिया करेगा |
आप अपने अवचेतन मन से अपने काम करवा सकते हैं |इसकी खामोश प्रक्रिया को आप देख सुन नहीं सकते |आपका पाला हर बार अपने वाचेतन मन के बजाय चेतन मन से पड़ता जबकि सभी महत्वपूर्ण कार्य अवचेतन मन ही करता है |अपने चेतन मन से सर्वश्रेष्ठ की आशा करते रहें और यह पक्का करें की आपके आदतन विचार अच्छी ,सुन्दर ,सच्ची ,न्यायपूर्ण और सद्भावनापूर्ण चीजों पर केन्द्रित हों |अपने चेतन मन का ध्यान रखें ,इसके विचारों को नियंत्रित रखें और दिल में जान लें की आपका अवचेतन मन आपके ही आदतन विचारों के अनुरूप परिणाम दे रहा है ,व्यक्त कर रहा है और परिस्थितियां बना रहा है |

याद रखें जिस प्रकार पानी उसी पाइप का आकार ले लेता है ,जिसमे वह बहता है ,उसी तरह आपमें जीवन सिद्धांत ,आपके विचारों की प्रकृति के अनुरूप प्रवाहित होता है |दावा करें की आपके अवचेतन की उपचारक शक्ति आपके भीतर सामंजस्य ,सेहत ,शान्ति ,सुख और प्रचुरता के रूप में प्रवाहित हो रही है |ज्ञानी व्यक्ति या प्यारे मित्र के रूप में इसकी कल्पना करें |दृढ़ता से यकींन करें की यह आपके भीतर लगातार प्रवाहित हो रहा है ,आपको सजीव ,सजग ,सक्रीय बना रहा है ,प्रेरित कर रहा है और समृद्ध बना रहा है |इसकी वापस प्रतिक्रिया आपको इसी रूप में प्राप्त होगी ,क्योकि यह वैसी की प्रतिक्रिया देता है जैसा आप चेतन मन से इसमें भरते हैं |जैसा आप यकीन करेंगे वैसा ही आपको मिलेगा |आप किसी प्रक्रियां को बार बार नियंत्रित करने के लिए सोचेंगे तो आपका अवचेतन मन कुछ समय बाद स्वयमेव उसे नियंत्रित करने लगेगा और आपको आश्चर्य होगा की आपके सोचने मात्र से यह कार्य होने लगा |.

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धन्यवाद!

Monday, 25 January 2016

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ


आप की सफलता (aapkisuccess)  के सभी  पाठकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

Wednesday, 20 January 2016

खुद को “खूबसूरत” बनायें !!



दोस्तों हम सारी दुनिया घूमते और खूबसूरती तलाशते रहते हैं लेकिन कभी अपने पास ही छुपी हुई खूबसूरती की तरफ नहीं देखते इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान होगा जो खूबसूरत होना नहीं चाहता होगा और ये अच्छा भी है, क्योंकि अपने व्यक्तित्व द्वारा किसी को प्रभावित करने के लिए ये एक सबसे जरूरी उपाय है। आज हम देखेंगे कि किस तरह से हम अपने आप को खूबसूरत बनाके दूसरो को अपनी और ज्यादा से ज्यादा आकर्षित कर सकते है।

आप जैसे भी है और जैसा भी दिखते है हमेशा यह बात याद रखें कि आप भगवान की बनाई हुई सब से खुबसूरत कृति है, इस लिए बाहरी परिस्थितियो को इस की खूबसूरती छीनने का मौका दोअपने को सुन्दर बनाने के लिए जरूरी है कि आप सरल बने और अपने ह्रदय को सदा पवित्र रखें क्योंकि जहां सरलता में महान सौंदर्य होता है जो सरल है वो सबसे सुन्दर और सदा सत्य के समीप होता हैवहीँ इंसान का वास्तविक सोन्दर्य उसके ह्रदय की पवित्रता में होता है

दुनिया की सबसे खूबसूरत चीजें ना ही देखी जा सकती हैं और ना ही छुई, उन्हें बस दिल से महसूस किया जा सकता है

एक बार एक 15 साल की लड़की जिसका नाम बेलथा अपने पिता से पूछती है कि आपने मेरा नाम बेल क्यों रखा और इसका क्या मतलब होता है”, उसके पिता ने मुस्कराते हुए जवाब दिया मैं जब अफ्रीका में कमाने गया था तो तुम हमें वहाँ पैदा हुई थी, और हमने तुम्हारा नाम वहाँ पर रहने वाली एक प्यारी सी लड़की बेलके नाम पर रखा था, जिसने सिर्फ मुसीबत के समय हमारी मदद की थी बल्कि वहाँ हुई एक बड़ी लड़ाई के समय हमारा (मेरी और तुम्हारी मम्मी का) साथ देकर हमारी जान भी बचाई थी, ये एक फ्रेंच नाम है और इसका मतलब होता है खूबसूरत”, जिस तरह से वो लड़की का नाम बेल यानि खूबसूरत था वैसे ही वह भी बहुत खूबसूरत थी, जिसके कारण हमने तुम्हारा नाम भी बेलरखा।लड़की ये सुनकर बहुत खुश हुई क्योंकि वो भी शक्लो-सूरत से बहुत ही सुन्दर थी।
एक दिन घर की सफाई में उसे एक पुरानी तस्वीर मिली जिसमें उसने उसके माँ-बाप के साथ एक और लड़की का फ़ोटो देखा, वो हैरान हुई और उसने अपने पिता से पूछा ये लड़की कौन है तो उसके पिता ने खुश होकर बताया कि ये वो ही लड़की बेलहै जिसने हमारी जान बचाई थी, उसकी बात सुनकर बेटी उदास होके बोली लेकिन ये तो बहुत काली है, इसके बाल भी बिखरे हुए है, इसके होंठ भी बहुत मोटे है और इसका चेहरा भी बहुत डरावना लग रहा है तो ये फिर खूबसूरत कैसे हुई ?, आप तो इसे बहुत खूबसूरत बता रहे थे, तब उसके पिता ने उसे समझाते हुए कहा बेटा खूबसूरती तन या पहनावे से नहीं आंकी जाती, खूबसूरती तो मन से आंकी जाती है, उसका मन बहुत अच्छा था और अगर मुझ से पूछो तो शायद वो दुनिया की सबसे सुन्दर और हसीं लड़की थी, मुझे वो उतनी ही अच्छी लगती थी जितनी कि मुझे आज तुम अच्छी लगती हो”, उसकी बातें सुनकर लड़की समझ गयी कि तन कितना भी सुन्दर हो अगर किसी का मन सुन्दर नहीं है तो वो कभी खूबसूरतनहीं हो सकता और उस दिन के बाद उसने बाहरी सुंदरता को भूल कर अंदरूनी सुंदरता पर अपना ध्यान केंद्रित करके आगे चलकर एक सफल प्रोफेसर और एक बड़ी समाज सेविका बनी।

तन की सुंदरता से मन की सुंदरता हमें हमेशा ज्यादा प्रभावित करती है, फर्क बस इतना है कि जहां तन की सुंदरता पहली झलक में दिख जाती है वहाँ मन की सुंदरता का पता धीरे धीरे साथ में रहने से मालूम होता है

तन की सुंदरता कुछ समय के लिए रहती है और जैसे समय बीतता है वैसे समाप्त हो जाती है जबकि मन सुंदरता सदैव के लिए रहती है और जैसे समय बीतता है ये सुंदरता और बढ़ती जाती हैइसीलिए अगर आप अपने मन को सुन्दर रखते है तो आपसे आपका ये सौंदर्य आपका बुढ़ापा भी नहीं छीन सकता और आप जब तक जीवित रहते है तब तक खूबसूरत बने रहते है।

खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते पर अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत होते है।

जो सुंदरता आंखों द्वारा देखी जाती है, वह कुछ ही पल कि होती है, लेकिन जो सुंदरता मन से देखी जाती है उसका असर हमारे जीवन में सदैव रहता है

और अंत में मैं अपनी चार लाइनों के द्वारा इतना ही कहना चाहूंगा कि:

खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए कोई दुआ जाए,
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समज जाए,
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो जाए,
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से, कहानियाँ,
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,
खूबसूरत है वो सोच जिस मैं किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,
खूबसूरत है वो दामन जो दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,
खूबसूरत है वो किसी के आँखों के आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाए


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