Sunday, 15 November 2015

मन की शक्ति The power of mind



दोस्तों , 
एक बार किसी व्यक्ति ने नेपोलियन से पूछा, 'सर, आपकी सफलता का राज क्या है? क्या इसके पीछ कोई दैवीय शक्ति है?' इस पर नेपोलियन मुस्कराया और सहजभाव से बोला - 'मन की शक्ति का ऐसा प्रभाव है कि यदि हम पूरी ईमानदारी और समर्पण-भाव से अपने लक्ष्य की प्राप्ति का संकल्प लें और समर्पण-भाव से अपने लक्ष्य की प्राप्ति का संकल्प लें और उसे पूरा करने में निरंतर प्रयत्नशील रहें तो उसमें सफलता अवश्य मिलेगी -ऐसा मेरा अनुभव है।' 

फिर कुछ क्षण बाद नेपोलियन ने कहा-'किन्तु लक्ष्य अच्छा होना चाहिए। यह सही है कि अच्छे लक्ष्य को पाने की प्रेरणा अवश्य दैविय शक्ति से मिलती है। यदि मन में शक्ति के प्रति विश्वास है और इसके साथ संकल्प दृढ़ है, तो सफलता अवश्य हासिल होती है, साथ ही उत्साह मनुष्य के जीवन की ज्योति है जो सफलता के मार्ग में मशाल का काम करती है।'

इस उदाहरण में आपने देखा-मन की शक्ति के आभास में तीन मुख्य बातें उजागर होता हैं: सत्यकर्म का संकल्प,विश्वास और उत्साह। संकल्प केवल शुभ कार्यों के लिए किए जातें हैं, बुरे कामों के लिए नहीं। भारतीय ग्रन्थों में एक-से-एक महान् संकल्प लेने वालों के गौरपूर्ण जीवन का परिचय मिलता है, जैसे-सावित्री जिसने अपने मृत पति सत्यवान को जीवित पाने के लिए काल पर विजय प्राप्त करने का संकल्प लिया, भागीरथ जिन्होंने गंगा को धरती पर लाने का संकल्प लिया, आदि।

याद रखें....

शरीर मन के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकता। अटल निश्चय सारी शारीरिक दुर्बलताओं को भगा देता है। रंगमंच पर काम करने वाले व्यक्ति इस मन की शक्ति के रहस्य से भलीभांति परिचित हाते हैं। एक बार इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए अमरीका के लोकप्रिय रंगमंच अभिनेता हेनरी इरविंग ने कहा था-

'हम कभी बीमार नहीं होते, क्योंकि बीमार होना ही नहीं चाहते। हम जानते हैं कि हमें रात को रंगमंच पर अभिनय करना है। हजारों दर्शक उत्सुकता से हमारे प्रदर्शन की प्रतिक्षा कर रहे होंगे- यह विचार रोग को हमारे पास फटकने नहीं देता। अगर हम भयंकर रोग-ग्रस्त हो जाएं तो भी मंच पर पहुँचते हमें पीड़ा का ध्यान नहीं रहेगा, क्योंकि हम जानते हैं कि हर हाल में हमें अभिनय करना है और यह अनिवार्यता ही हमें रोग-मुक्त कर देती है।'

हेनरी इरविंग के उपरोक्त कथन से ये बातें स्पष्ट हो जाती हैं-

  • मन संकल्प से यह निश्चय हो जाता है कि जिस काम को करने की आपने ठानी है, उसे आप निष्ठावान होकर पूरा करेंगे।
  • संकल्प को दोहराने से आपमें एक महान् शक्ति आ जाती है, जिससे आपका निश्चय और विश्वास अटूट हो जाता है।
  • विश्वास के कारण कार्य करने की क्षमता अपने आप कई गुना अधिक हो जाती है और इस विश्वास और इस कार्यक्षमता के बल पर आप सफलता प्राप्त कर लेते हैं।
  • मन-संकल्प की शक्ति में सफलता के चार विशेष गुण (यानि मंत्र) छिपे होते हैं और ये हैं- रूचि, समर्पण, जिम्मेदारी और उत्साह।
दोस्तों आपको यह  कहानी कैसी लगी आप अपने सुझाव हमें comments के द्वारा दे सकते है ! 
धन्यवाद !



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