Saturday, 6 February 2016

मन की शांति



दोस्तों बार एक किसान था उस किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े में तो कभी अनाज के ढेर में. पर तमाम कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज लगाई, सुनो बच्चों, तुममे से जो कोई भी मेरी खोई घडी खोज देगा उसे मैं इनाम दूंगा.

फिर क्या था, सभी बच्चे जोर-शोर से इस काम में लग गये. वे हर जगह की छान-बिन करने लगे, ऊपर-नीचे, बाहर, आँगन में, हर जगह.पर घंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली. अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान को भी यही लगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके पास आया और बोला, “काका मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने तुरंत हाँ कर दी. लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगाऔर जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी.

किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और हैरानी से पूछा, बेटा, कहाँ थी ये घड़ी, और जहाँ हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला?”

लड़का बोला, काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में गया और चुप-चाप बैठ गया, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान केन्द्रित करने लगा, कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे गयी, जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और अलमारी के पीछे गिरी ये घड़ी खोज निकाली.


मित्रो,
जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें जिंदगी की ज़रूरी चीजें समझने में मददगार होती है. हर दिन हमें अपने लिए थोडा वक़्त निकालना चाहिए, जिसमे हम बिलकुल अकेले हों, जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और अपने भीतर की आवाज़ को सुन सकें, तभी हम जिंदगी को और अच्छे ढंग से जी पायेंगे.


Tuesday, 2 February 2016

जैसी संगति……..वैसी गति


दोस्तों कहा जाता है कि अच्छी संगति और अच्छे विचार
इंसान की प्रगति का द्वार खोल देते हैं संगति
इंसान के जीवन में बहुत बड़ा महत्व रखती है , अगर आप
बुरी संगति में हों तो आप कितने भी बुद्धिमान क्यों
ना हों आप कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ पाएंगे
और वहीँ अगर आप अच्छे लोगों की संगति में हैं तो
आपको बड़ी बड़ी समस्याएँ भी छोटी लगने लगेंगी
ऐसी ही एक सच्ची घटना आपके सामने प्रस्तुत है ,
अल्बर्ट आइंस्टीन,  दुनिया के महान वैज्ञानिक
जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना बहुत बड़ा
योगदान दिया है एक बार आइंस्टीन Relativity
नामक Physics के टॉपिक पर रिसर्च कर रहे थे और
इसी के चक्कर में वो बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटीज और
कॉलेज में जाते थे और लोगों को लेक्चर देते थे
उनका ड्राइवर उनको बहुत बारीकी से देखा करता था
एक दिन एक यूनिवर्सिटी में सेमिनार ख़त्म करके
आइंस्टीन घर लौट रहे थे , अचानक उनके ड्राइवर ने
कहा सर जो आप Relativity पर यूनिवर्सिटी में
लेक्चर देते हो ये तो बहुत आसान काम है ये तो मैं भी
कर सकता हूँ आइंस्टीन ने हँसते हुए कहा ओके
,
चिंता ना करो तुम्हें एक मौका जरूर दूंगा
फिर अगले दिन जब आइंस्टीन नई यूनिवर्सिटी में
लेक्चर देने गए तो उन्होंने अपने ड्राइवर को अपने कपडे
पहना दिए और खुद ड्राइवर के कपडे पहन लिए और
ड्राइवर से लेक्चर लेने को कहा उस बिना पढ़े लिखे
ड्राइवर ने बिना किसी दिक्कत के बड़े बड़े प्रोफेसरों
के सामने लेक्चर दिया, किसी को पता ही नहीं
चला कि वो आइंस्टीन नहीं है लेक्चर खत्म होते ही
एक प्रोफ़ेसर ने उस ड्राइवर से कुछ सवाल पूंछे तो इस
पर ड्राइवर ने कहा इतना आसान सवाल, इसका
जवाब तो मेरा ड्राइवर ही दे देगा ड्राइवर के रूप में
आइंस्टीन आगे आये और सारे सवालों का जवाब
दिया
बाद में आइंस्टीन ने सबको बताया कि लेक्चर देने
वाला शख्स आइंस्टीन नहीं आइंस्टीन का ड्राइवर है
तो वहां बैठे सभी प्रोफेसरों ने दातों तले उँगलियाँ
चबा लीं किसी को यकीन नहीं हुआ कि जो
Relativity
 बड़े बड़े प्रोफेसरों को समझ नहीं आती इस
ड्राइवर ने उसे कितनी आसानी से दूसरों को
समझाया है
इसे कहते है संगति का असर , आइंस्टीन के साथ रहकर
एक बिना पढ़ा ड्राइवर भी इतना बुद्धिमान हो
गया

रहिमन उजली प्रकृति को, नहीं नीच को संग
करिया वासन कर गहे, कालिख लागत अंग


मित्रों अच्छे विचार और अच्छी संगति इंसान
में हिम्मत और सकारात्मकता का भाव लाती है ,
तो कोशिश करिये कि बुरे व्यसन, बुरी आदतों और
बुरी संगति से बचा जाये फिर उसके बाद जीवन बहुत
ही सरल हो जायेगा |